हजरत नोमान शाह चिश्ती बाबा और आसिरगढ़ का किला


 


बुरहानपुर के पास आसीरगढ़ किले के पास विरान घने जंगल, पहाड़ियों की ऊंची चोटी पर स्थित है। हजरत नोमन शाह चिश्ती सिराजी रहमतुल्लाह अलेह ख्वाजा गरीब नवाब के घराने से है। इनका उर्स 29 सफर याने 8 नवम्बर 598वां उर्स मनाया जाता है। हजारों की तादाद में लोग यहां आते हैं और फेज पाकर जाते हैं।


आसीरगढ़ का किला इसमें हैं कई राज दफन


कई राज दफन 1200 सौ साल पुराना खंडहर में तब्दील हो रहा है। आसीरगढ़ का किलासन्नाटा, खौफ सदियों से दीवारों पर सर पटक रहा है, भटक रही है आत्माएंहर रात रोज चीखने की आती हैं आवाजें। पुराना शिव मंदिर पांच हजार सालों से जिंदा है। द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वथामाकिसी को दिखाई नहीं देता। शिव भक्त शिव लिंग पर रोजाना फूल चढ़ाने आता हैशाम ढलने के बाद किसी को आने जाने की इजाजत नहीं है।


खूबसूरत जामा मस्जिद


आसीरगढ़ किले में खूबसूरत जामा मस्जिद सालों पुरानी मौजूद है। पास ही झील व खण्डर ही खण्डर मौजूद है। किले से हर रात नई नई आवाजे चीख पुकार, सर पटकने की आवाजें आती हैं |